Essay on Environmental Pollution in Hindi
Paryavaran Pradushan Par Nibandh School में class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,10,11th तक निबंध जरुर आता हैं। जो Exam में लिखना जरुरी होता हैं। कुछ Book में पर्यावरण पर निबंध हिंदी में बहुत कठिन होता हैं। यहाँ हमने थोडा आसान बनाकर निबंध बताई हैं। ताकि हम सभी को पर्यावरण पर निबंध जरुर याद कर सकें।
Essay on Environmental Pollution in Hindi में 400 शब्दों और 500 शब्दों में पेश किया हैं। पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध लिखने के लिए अलग-अलग class के हिसाब से 300, 400, 500, 600, 700, 800, 1000 Words में लिखना होता हैं। यदि आप Class 8th में हैं, तो 500 Words में लिखना चाहिए। ताकि अच्छे नंबर मिले। और Class 7 के लिए 400 words में पेश करना चाहिए।
1. प्रस्तावना-
हमारे सौर मण्डल एवं धरती के चारों ओर के परिवेश को पर्यावरण कहते हैं। जो सभी जीव, प्रजाति के विकास, जीवन और मृत्यु को बुरी तरह से प्रभावित होता है। संसार में हर तरह के वस्तु प्रदूषण से ग्रस्त है। जिसमे हवा, पानी, मिट्टी जैसे सभी प्रदूषित होते हैं। इस कारण पर्यावरण प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या बन गया हैंl
2. पर्यावरण प्रदूषण के कारण-
वैज्ञानिक ने पर्यावरण का अनुसन्धान करके कुछ कारण बताये हैं। उनमे यह मुख्य कारण हैं- जनसख्या का बढना, शहरीकरण, उद्योगों, परमाणु संयन्त्र, खनिज पदार्थों क दोहन, सडको का निर्माण, बांधो का निर्माण, वाहनों का चलना, कारखानों से निकले धुआ से आदि। गन्दा पानी नदियों, तालाबो में मिल जाने से प्रदूषित कर रहे हैं।
3. पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव-
पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव बहुत ही हानिकारक है। आज कई असाध्य रोग ऐसे हैं जो दूषित पानी, दूषित हवा या दूषित गैसों के प्रभाव से जानलेवा बन गये हैं।जल-प्रदूषण से उपजाऊ खेती नष्ट होती जा रही है। कारखानों से ज्यादा मात्रा में अपशिष्ट निकलता है, उससे जल एवं वायु में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। वाहनों की अधिकता बढ़ने से ध्वनि प्रदूषण भी फैलता जा रहा है । इससे मनुष्य की सुनने-समझने की क्षमता कम होती जा रही हैं।
4. पर्यावरण सुधार के उपाय-
प्रदूषण की समस्या निपटाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन अनेक योजना बना रही है। सरकार हमारे देश में भी अनेक प्लानिंग कर रही हैं। जैसे-अधिक से अधिक पेड़-पौधों को उगाना, जल की सफाई करना, मल की सफाई करना, प्लाण्ट लगाना, नदियों- साफ़-सफाई रखना, हरित क्षेत्र बनाने की कोशिश, दूषित गैसों एवं रेडियो पर नियन्त्रण करवाना, खनिज दोहन पर प्रतिबन्ध लगाना आदि। इसके अलावा सरकार इसके प्रति लोगो को जागरूक कर रही हैंl वायु प्रदूषण पर पूर्ण जोर, पेड़ो की कटाई पर रोक, वर्षा का पानी को एकत्रित करना जैसे कार्य कर रही हैंl
5. उपसंहार-
पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सब कुछ सरकार के कहने से नहीं होता हैं। इसलिए हम सबको एकजुट होना पड़ेगा। इसलिए साधनों या जिन चीजो से पर्यावरण पर असर डालता हैं पर पूर्ण रोक लगाने से ही पर्यावरण संतुलन हो सकता हैं। इसलिए हम सब मिलकर पर्यावरण प्रदूषण होने से बचाना चाहिए। क्योकि संगठन में ही शक्ति हैं।
Essay On Environmental Pollution in Hindi (500 शब्दो में)
प्रस्तावना-
पर्यावरण भूमि, जल, वायु, आकाश, वृक्ष, नदी, पर्वत इन सब से मिलकर बनते है। इन्ही से मिलकर मनुष्य का जीवन काल चलता है। पर्यावरण मनुष्य का जीवन वरदान हैं। इस संसार में मनुष्य द्वारा किये गये कुछ ऐसे कार्यो से जिससे पर्यावरण को अपार हाँनि पहुचाई हैं।
प्रदूषण क्या है
'दूषण" का अर्थ दोषयुक्त होना है। 'प्र' उपसर्ग लगाने से दूषण को अत्यधिकता व्यक्त होती है। आजकल 'प्रदूषण' शब्द का प्रयोग एक विशेष अर्थ में किया जा रहा है । पृथ्वी में पर्यावरण के किसी अंग को किसी भी प्रकार नुकसान करना या दूषित बनाना ही प्रदूषण है।
प्रदूषण के प्रकार-
(i) जलप्रदूषण -
जल मनुष्य जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है । बिना जल के मानव जीवन संभव हैं। जल के स्रोत है- नदी, तालाब, कुआँ तथा वर्षा का जल । इन सबको पूरी तरह से गन्दा कर दिया हैं। जिसे प्रदूषण हो जाता हैं। धीरे-धीरे बढते जनसख्या और कारखानों से निकले दूषित गन्दा पानी नदी और तालाबो में मिलने से दूषित होता जा रहा हैं।
(ii) वायु प्रदूषण-
आजकल शुद्ध वायु मिलना मुस्किल हो गया है। वाहनों, कारखानों और सड़ते हुए कचरे ने वायु में भी जहर भर दिया है । घातक गैसों के रिसाव भी वायु प्रदूषण फैलता जा रहा हैं। जिसे पर्यावरण को नुकसान हो रहा हैं। और शुद्ध हवा के लिए तरस रहे हैं।
(iii) खाद्य प्रदूषण-
प्रदूषित जल और वायु के बीच पनपने वाली वनस्पति या उसका सेवन करने वाले पशु-पक्षी भी प्रदूषण के चपेट में रहे हैं । चाहे शाकाहारी हो या मांसाहारी। कोई भी भोजन प्रदूषण से नहीं बच सकता। क्योकि वायु और खाद्य प्रदूषण बढता जा रहा हैं। शुद्ध भोजन नही मिल रहा हैं।
(iv) ध्वनि प्रदूषण -
आज मनुष्य को ध्वनि के प्रदूषण का भी सामना करना पड़ रहा है। आकाश में वायुयानों की ध्वनियाँ, सड़क वाहनों, यन्त्रों और शोर करने वाली मशीन, अन्य यन्त्र या मशीन ऊची आवाज करती हैं। इन सब से वायु प्रदूषण फैलता हैं। यह सब मिलकर मनुष्य को बहरा बनाने में तुले हुए हैं।
प्रदूषण रोकने के उपाय –
हमें प्रदूषण रोकने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले सभी उद्योगों को बस्तियों से सुरक्षित दूरी पर ही स्थापित और स्थानान्तरित किया जाना चाहिए । उद्योगों से निकलने वाले कचरे और दूषित जल को निष्क्रिय करने के उपरान्त ही विसर्जित करने के कठोर आदेश देनी चाहिए। वायु को प्रदूषित करने वाले वाहनों पर भी नियन्त्रण करने को जोर देना चाहिए । आजकल हमारी सरकार औद्योगिक कचरे से बायो-ऊर्जा बनाकर इसके निस्तारण का प्रयास कर रही है।
प्रदूषण से मुक्ति तभी मिलेगी जब चाहनों का अन्धाधुन्ध प्रयोग रोका जाए । हवाई अड्डे बस्तियों से दूर बने। रेडियो, dj साउंड तथा लाउडस्पीकरों को मन्द ध्वनि से बजाया जाए।
उपसंहार-
यदि प्रदूषण पर समय रहते नियन्त्रण नहीं किया गया। तो आने वाले समय में आदमी शुद्ध जल, वायु, भोजन और शान्त वातारण के लिए तरस आएगा। हम सब जनता और प्रशासन के साथ देने और गंभीर कोशिश करने पर ही पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति मिल सकती हैं।
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